न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
वाधवानी फाउंडेशन सहायता के तहत इन दिनों निवेश करने की बात कही जा रही है। वाधवानी सहायता का मकसद रोजगार बचाने या बढ़ाने के लक्ष्य से 10 हजार एसएमई को कारोबार बचाने, स्थिरता लाने और विकास के लिए सलाह सुविधा देना है।
वाधवानी सहायता डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से 5 से 10 लाख आशा, आंगनबाड़ी कार्मिकों, नर्सों और घर पर स्वास्थ्य सेवा देने वालों का कौशल विकास किया जाएगा। वाधवानी सहायता भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य तकनीक में इनोवेशन बढ़ाने के लिए इनोवेशन ग्रांट देगा। स्टार्ट-अप और शुरुआती दौर में पहंची 50 कंपनियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा।
वाधवानी फाउंडेशन ने एसएमई और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मदद देकर कोविड-19 के बारे में उनके ज्ञान और कौशल को बेहतर बनाने के लिए ‘सहायता’ की पहल करने की घोषणा की है।
वाधवानी फाउंडेशन भारत और अन्य विकासशील देशों का प्रमुख गैर-आर्थिक लाभ फाउंडेशन है। इसका मिशन बड़े स्तर पर उद्यमिता के विकास, एसएमई की प्रगति और लोगों के कौशल विकास के माध्यम से रोजगार बढ़ाना है।
वाधवानी फाउंडेशन ने 200 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता की है और साझेदारों का इकोसिस्टम बना रही है, जिसमें सरकार के विभिन्न मंत्रालय और एजेंसियां, बैंक और सलाह प्रतिष्ठान शामिल होंगे जो इस बड़ी और जटिल पहल के संचालन में मदद करेंगे।
इस पहल ‘सहायता’ के तीन प्रोग्राम हैं: सहायता बिजनेस स्टेबिलीटी प्रोग्राम, सहयाता कोविड-19 स्किलिंग प्रोग्राम और सहायता पब्लिक हेल्थ इनोवेशन प्रोग्राम। फाउंडेशन ने 90 दिनों के अथक प्रयास से तीनों सहायता प्रोग्राम बनाए हैं और अगस्त 2020 में इन्हें लागू किया जाएगा।
Fuente: Amar Ujala